बात मसूरी की है। मैं होटल में रुका था। । क्योंकि नाश्ता का समय साढ़े दस बजे तक ही होता है, इसलिए होटल वालों ने बताया कि…… Read more “आख़िरी लालच (ज़्यादा पड़ेगा भारी)”
बात मसूरी की है। मैं होटल में रुका था। । क्योंकि नाश्ता का समय साढ़े दस बजे तक ही होता है, इसलिए होटल वालों ने बताया कि…… Read more “आख़िरी लालच (ज़्यादा पड़ेगा भारी)”