
नदी जीवन की मुख्य धारा से जुड़ी होती हैं
बहते चलना उसका कर्म, वो हर ओर मुड़ी होती हैं
उसका हैं साम्राज्य हर तरफ़ हर ओर
हवाओ के संग मिलके दिखाती हैं हिलोर
कलकल का शोर मन को आनंदित हैं कर देता
अभी आगे जाना,बहुत कुछ करना, ऐसा संदेश हैं भर देता
उसका आगमन का रहता हैं सबको इंतेज़ार
ना पहुँचे पानी , पड़ जाए सूखा , धरती बन जाए बेज़ार
नदियाँ लेती कुछ नहीं , बस देती हैं अपार
हरियाली, रेत ,तर्पण और आशीष , यही से मिलता बारम्बार
बस बाँटना है इसका संस्कार मात्र ,
ना सोचे एक पल ऐसी है ये पात्र
कितना कुछ छिपाए बैठी है नदियाँ अपने भीतर
मिलके चलना ही सिखाया हैं, ऐसा पक्षी तीतर
समूचे पृथ्वी पर अपनी सारी धाराओं को लपेटी हैं
किसानो के लिए पहली माँ और धरती की पहली बेटी हैं
सीमाएँ हैं अनंत गगन के तले
दूर से देखो तो मानो लगता है दोनो मिल रहे हो गले
ना कोई घमंड , क्योंकि इसका ना कोई भूभाग भूखंड ना कोई अहम, हैं वज्र सा वेग उसका , करती बहुत कुछ सहन
मै तो हूँ इंसान
ग़लतियों का पिटारा हूँ , करता हर किसी से किनारा हूँ
गिर के संभलना यह बात है आम , आख़िर में कर देता हूँ सारे काम तमाम
दिशाहीन हूँ फिर भी रास्ता दिखलाता , मूर्ख हूँ फिर भी विद्वान कहलाता
लड़ते है लड़ाते है , मिलते ही बैरी हो जाते हैं
अंतर्मन में कोई नहीं देखता , अपनी ग़लत आदतों को क्यों नहीं फेंकता
जाने कितने हुनर पाले हुए है , नदी ने तो एक ही गुण लादें हुए है
नदी का सहज भाव ही अपना लो इतना काफ़ी हैं ,अपने ग़ुणो से संभल जाओ यही तेरी माफ़ी हैं
आज मैंने सीखा नदी का दिया आत्म कथन और किया अपना आत्मा मंथन
निभाना है उसके समान समर्पण और करना है बहुत सारे जतन
नदियाँ तो हैं सदियों की साक्षी , नहीं इनके समान दूझा
बात बहुत छोटी है भाई , करम पथ पर चलायमान रहना यही है असली पूजा
Mind blowing…..👌👌🙏 Kya baat hai Anurag bhaiya.
Dhanyawaad Neha… Bas Koshish kar raha hoon
Dhanywaad madam… Like bhi de do..
Aapka Chintan aur manan 100 Guna ho jaye..
Jo ndiyo Ka samman krega……
Usi ka chritra ndi jaisa hoga!!
Satya Vachan chetan ji… Aapke paramarsh ke liye dhanyawaad..