
कब से सुन रहा हूँ कोरोना कोरोना
अब घर पे ही दिन बिताओ , कहीं फिरोना फिरोना ।
जब सबको मालूम हुआ , तब हो गयी थी बड़ी देर
कोई नहीं गया शमशान , शहर मे हैं अब लाशों के ढेर
कोई नहीं पहचान उनकी , जिनको वाइरस ने पकड़ा
क्वारंटाइन के नाम पे उनको घर में ही जा जकड़ा
ढेर हो जाओगे मरते मरते , क्यों बढ़ा रहे हो अपना डर
ओह इंसान अब सम्भाल जा , पहले अपनी रक्षा तो कर
चाइना ने पैदा किया , उसने की थी बड़ी गलती
अब तू क्यों लाद के घूम रहा हैं,थामे रहो ज़िंदगी चलती
अब आयी इटली की बारी , मौत ने वहाँ चादर तानी
ऐसा मंज़र देखा सबने , भयावह हो गयी धरती सयानि
सारे देशों की हैं हालत ख़राब, बढ़ रहा हैं विनाश
सब गिनती में लगे हैं , कौन आगे हैं गिनने में लाश ।
यह महामारी हैं , यहाँ सब चीन के विरूद्ध हैं
जो लड़ा गया बिन हथियार के , सही से देखो यही तृतीय विश्व युद्ध हैं
किसने सोचा था ऐसा भी दिन देखना पड़ेगा
मत लो इसे बिल्कुल मज़ाक़, यें बहुत ही भारी गिरेगा ।
कल की ही बात थी , सबने मनाया था नया साल
सब की दुआ पर भारी पड गया कोरोना , कैसे करें किसी की देखभाल ।
क्यों कर रहे हो तेरा मेरा , राजनीति से ऊपर उठो नेताओं
क्या किया और क्या दिया , इस चीज़ का हिसाब बताओ
अपने चिकित्सकों और पुलिस पर करो भरोसा , कुछ नहीं बिगड़ेगा
वो बन गए हैं अब देवदूत , यें सोच महंगा नहीं पड़ेगा
सरकार ने उठाए हैं गम्भीर कदम , हमें जीतना ही होगा
महामारी का ये दंश हैं , इसे खतम करना ही होगा।
क़हत कबीर सुन भाई साधूँ , बात कहूँ मैं खरी
वो दिन भी ज़रूर आएगा , जब धरती हो जाएगी हरी भरी
सामर्थ्य पे रख अपने विश्वास तू , नहीं पड़ो कमजोर
जब समय आएगा पगले, लगा लेना ऐडी चोटी का ज़ोर
Perfectly done jijaji
Thanks dear for recognising…
Agar dwa nhi Mili to ….samjh jao
Sansar ki aakhri bimari “Kavita Ka shirshak hogi”
Satya Vachan…